श्री श्रृंगी ऋषि आश्रम धाम रामनवमी पर उमड़ा आस्था का सैलाब महबूबगंज ( अयोध्या )

0
रामनवमी पर उमड़ा आस्था का सैलाब

महबूबगंज(अयोध्या ): पावन सलिला सरयू नदी के किनारे अयोध्या से लगभग 38 किलोमीटर की दूरी पर

रामनवमी पर उमड़ा आस्था का सैलाब
महबूबगंज(अयोध्या): पावन सलिला सरयू नदी के किनारे अयोध्या से लगभग 38 किलोमीटर की दूरी पर स्थित प्रमुख धार्मिक स्थल श्रृंगीऋषि आश्रम शेरवाघाट 
रविवार को चैतराम नवमी के अवसर पर आस्था के संगम का गवाह बनेगा। मान्यता है कि इस स्थल पर रामनवमी को स्नान-दान से संतान की कामना पूर्ण होतीर है। धर्मग्रंथों के अनुसार त्रेताकाल में अयोध्या के राजा दशरथ को जब चौथेपन में भी पुत्र रत्न की प्राप्ति नहीं हुई, तब उन्होंने अपने कुलगुरु वशिष्ठजी की सलाह पर यहां से सरयू उस पार बस्ती जिले के मनोरमा नदी के किनारे महर्षि श्रृंगीऋषि से पुत्रेष्टि यज्ञ करवाया। यज्ञ के बाद उन्हें राम, लक्ष्मण, भरत व शत्रुध्न चार पुत्रो की प्राप्ति हुई।उसके बाद महर्षि श्रृंगीऋषि शेरवाघाट के सरयू नदी के किनारे आकर समाधिस्थ हो गए। पहले यह क्षेत्र प्रमोदवन के नाम से मशहूर था, परंतु बाद में इस धार्मिक स्थल का नाम श्रृंगी ऋषि आश्रम पड़ गया। यही कारण है कि यहां चैतराम नवमी के दिन हजारों की संख्या में श्रध्दालु आते हैं और स्नान, दान, हवन व पूजन आदि करते हैं।
स्नान पर्व के एक दिन पूर्व श्रध्दालु यहां डेरा डाल देते हैं। यहां अछ्वुत सेवाभाव भी परिलक्षित होता है। यहां अयोध्या , बस्ती ,अंबेडकरनगर व सुल्तानपुर के श्रध्दालु आकर मत्था टेकते हैं और राम नाम का जयघोष करते हुए सरयू में डुबकी लगाते हैं। शेरवाघाट के ग्राम प्रधान दिलीपकुमार विमल ग्रामीणों के साथ श्रध्दालुओं की सेवा में लगे रहते हैं। संतों ने यहां पानी की टंकी में पानी की आपूर्ति करने, बिजली की चुस्त-दुरुस्त व्यवस्था के लिए अलग से ट्रांसफार्मर लगवाए जाने तथा पेयजल के लिए मेले के दिन दो टैंकर पानी की व्यवस्था उपलब्ध कराने की मांग की जिला प्रशासन से की है।

क्या कहते हैं संत

- रामजानकी मंदिर के पुजारी बाबा जगदीश दास, रामबचन दास, रामबिचार दास व ओमप्रकाश दास ने बताया कि यहां श्रध्दालुओं की आमद प्राचीन काल से होती रही है, परंतु चैतराम नवमी के दिन यहां भक्तों का सैलाब उमड़ता है। उससे उनका भक्ति भाव स्वत: परिलक्षित होता है। यहां श्रध्दालु आकर सरयू में स्नान कर श्रृंगीऋषि की गुफा में मत्था टेकते हैं। बगल स्थित मां शांता देवी की गुफा में मत्था टेक कर अपनी आस्था निवेदित करते हैं।

Tags

Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.
Post a Comment (0)

buttons=(Accept !) days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Learn More
Accept !
To Top