केदारनाथ मंदिर का इतिहास
केदारनाथ मंदिर का इतिहास बहुत पुराना है। इस मंदिर का निर्माण 8वीं से 9वीं सदी के बीच में हुआ था। मंदिर का निर्माण हिमालय के प्रसिद्ध संत आदि शंकराचार्य ने करवाया था। इस मंदिर को बार-बार बनाया जाता रहा है।
केदारनाथ मंदिर की स्थापना की कहानी
केदारनाथ मंदिर की स्थापना की कहानी पुराने समय से चली आ रही है। यह मंदिर महाभारत काल से ही मौजूद है। महाभारत में केदारनाथ मंदिर का जिक्र मिलता है। महाभारत के युद्ध के बाद, पांडवों ने शिव भक्ति के साथ इस स्थान पर आश्रम स्थापित किया था।
केदारनाथ मंदिर की संरचना
केदारनाथ मंदिर की संरचना बहुत विस्तृत है। यह मंदिर तीन मंजिलों से बना हुआ है। मंदिर के अंदर बहुत सारी मूर्तियां हैं। मंदिर के प्रवेश द्वार पर एक शंख लगा हुआ है, जो भगवान शिव की पूजा के समय बजाया जाता है।
केदारनाथ मंदिर की विशेषताएं
केदारनाथ मंदिर की विशेषताएं कुछ इस प्रकार हैं:
1. यह मंदिर हिमालय की ऊँचाइयों में स्थित है।
2. यह मंदिर चारधाम यात्रा का एक महत्वपूर्ण स्थल है।
3. मंदिर के अंदर भगवान शिव की मूर्ति है, जो प्रतिनिधि हैं उनकी शक्ति और ज्ञान की।
4. मंदिर के बाहर एक कुंड है, जिसे केदार कुंड कहा जाता है।
5. मंदिर के आस-पास कई सुंदर और प्राकृतिक दृश्य हैं।
केदारनाथ मंदिर के लिए सुझाव
केदारनाथ मंदिर एक धार्मिक स्थल होने के साथ-साथ एक पर्यटन स्थल भी है। इस मंदिर की विशेषताओं को देखते हुए, यह सुनिश्चित है कि आप इसे जरूर देखेंगे।
1. आपको मंदिर में प्रवेश करने से पहले, आपको उपयुक्त पूजा सामग्री खरीदनी होगी।
2. आपको मंदिर के प्रवेश द्वार पर अपने जूते और जैकेट को छोड़ना होगा।
3. आपको मंदिर के आस-पास की सुंदरता का आनंद लेना चाहिए।
4. मंदिर के बाहर केदार कुंड में स्नान करना चाहिए।
5. आपको अपने साथ पूजा सामग्री लेकर जाना चाहिए।
केदारनाथ मंदिर उत्तराखंड का सबसे महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है। यहाँ पर भगवान शिव की पूजा की जाती है। इस मंदिर की स्थापना 8वीं से 9वीं सदी के बीच में हुई थी। केदारनाथ मंदिर को चार धामों में से एक माना जाता है और यह चारधाम यात्रा का अहम हिस्सा है।
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By. @Varun Singh