दीपोत्सव के दिन आयोध्या के सभी मंदिरों में बड़ी संख्या में दीपकों की रौशनी से सजी होती है। लोग अपने घरों को भी दीपों से सजाते हैं और उन्हें रोशनी से सजाते हैं।
इस दिन आयोध्या के सभी मंदिरों में पूजा-अर्चना की जाती है और भक्तों की भीड़ लगती है। भक्त भगवान की पूजा-अर्चना करते हैं और उनसे आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
आयोध्या के सभी सड़कें, मंदिरों, और पर्वतों पर दीपों की रौशनी से सजा होता है। सारे शहर में प्रकाश के पर्व की तरह महसूस होता है।
साथ ही, इस दिन किसी भी प्रकार की कलह-कलंक से बचने के लिए लोग एक-दूसरे को माफी मांगते हैं और समर्थन करते हैं।
इस पर्व के महत्व को समझते हुए, सरकार भी सुरक्षा के प्रति पूरी सतर्कता बरतती है और लोगों को सुरक्षित महसूस कराने के लिए समर्थ होती है।
समुदाय में समरसता, प्रेम, और सम्मान का संदेश देने वाले इस पर्व को समर्पित किया जाता है।
आयोध्या में दीपोत्सव का महत्वपूर्ण स्थान है, और हर साल लाखों पर्वतमालाओं की रौशनी से समुंद्र की सलाखों में मनाया जाता है।
समुद्र के किनारे, पर्वतमालाओं, मंदिरों, और सड़कों पर सजी हुई दीपों की रौशनी से पूरा शहर मनमोहक होता है।
समुंद्र किनारे पर समुंद्र किनारे पर मनाए जाने वाले प्रकाश के पर्व का महत्वपूर्ण हिस्सा होता है, और हर साल प्रकाश के पर्व के मौके पर, समुंद्र किनारे पर 5-7 किलोमीटर की प्रकाशिका महिमा में .
इस पर्व को मनाने से हम समुदाय में समरसता, प्रेम, और सम्मान का संदेश देते हैं, साथ ही मिटती हुई कलह-कलंक को भूलकर, एक-दूसरे को माफी मांगने का मौका मिलता है।
इसलिए, हमें समुंद्र किनारे पर प्रकाश के पर्व को मनाकर, समुदाय में समरसता, प्रेम, और सम्मान का संदेश बढ़ाना चाहिए।
लेजर लाइट्स, सरयू घाट पर 9 लाख से अधिक दीपकों की रोशनी से सराबोर हुई अयोध्या
दीपोत्सव के कार्यक्रम के बीच सरयू नदी के किनारे अयोध्या में जमकर हुई आतिशबाजी
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